त्रिस्तरीय पंचायत राज अंर्तगत अ.जा व अ.ज.जा पदाधिकारियो का तीन दिवसीय प्रशिक्षण आरम्भ
पंचायतों के जरिये *महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम और एट्रोसिटी को रोका जा सकता है- प्रो. आशा शुक्ला*
डॉ. बी. आर.अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू द्वारा आगर मालवा (म. प्र.) में त्रिस्तरीय पंचायत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला पंचायत के सभागार में किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 17-19 जनवरी, 2020 तक जिला मुख्यालय में आयोजित किया जाना है। तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आगर, नलखेड़ा, सुसनेर और बड़ौद जनपद पंचायतों के प्रतिनिधि सरपंच, पंच व मैदानी अमले भाग ले रहे हैं।
आज दिनांक 17 जनवरी, 2020 को 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने की । कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जनपद सी ई ओ बड़ौद श्री मोहनलाल स्वर्णकार, विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री पवन स्वर्णकार जिला कोर्डिनेटर स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण जिला पंचायत, एस.एन श्रीमाल पीसीओ जनपद आगर, विश्वविद्यालय से प्रो. किशोर जॉन (डीन), डॉ. रश्मि जैन, डॉ. मनोज गुप्ता, श्री लव कुमार एवं कार्यक्रम संयोजक प्रो. आर. डी. मौर्य ब्राउस से उपस्थिति रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर मोमबत्ती जलाकर की गई। अतिथियों के स्वागत के उपरांत प्रो. मौर्य ने स्वागत वक्तव्य और तीन दिन चलाने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अगली कड़ी में श्री पवन स्वर्णकार ने ग्राम पंचायत और स्वच्छता को लेकर अपनी बात रखते हुए ओडीएफ की निरंतरता व स्वच्छता विधिक प्रावधानों से उपस्थित प्रतिभागियों को अवगत कराया।। डॉ. मनोज शर्मा एपीओ मनरेगा आगर भी उपस्थित रहे। विशिष्ट वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय से प्रो. किशोर जॉन ने पंचायती राज व्यवस्था के बारे में बताते हुए तकनीकी के साथ पंचायतों को जोड़कर उसके महत्व पर अपनी बात रखी। डॉ. रश्मि जैन ने नेतृत्व विकास को लेकर विस्तृत बात की। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री मोहनलाल स्वर्णकार ने अपने वक्तव्य में शासन-प्रशासन की प्रक्रियाओं, विभिन्न योजनाओं आदि के बारे में प्रतिभागियों से विस्तार में बात की। उन्होंने ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसी प्रशिक्षण कार्यशालाओं से पंचायत के विकास और जनप्रतिनिधियों के क्षमता संवर्धन में बहुत मदद मिलती है। उन्होंने लोगों से सक्रिय सहभागिता के साथ इस प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने का आह्वान किया। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रो. आशा शुक्ला ने त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के जरिये महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता और सबलीकरण के मुद्दों और महत्व के बारे में बताया। उन्होंने ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग, महिलाओं के विरुध्द होने वाली हिंसा और जागरूकता संबंधी मसलों पर अपनी बात रखी। पंचायतों के जरिये महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम और एट्रोसिटी को रोका जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन लव कुमार ने की। यह प्रशिक्षण आगामी दो दिवस में ओर रहेगा, जिसमे अलग-अलग विषयो पर संवाद रहेगा।।।